लॉक डाउन के तीन हफ्ते और जनप्रतिनिधि विहीन कालापीपल.!

कालापीपलः अपने चहेते नेताओ  के लिए सोशल मीडिया पर जयकारे लगा रहे समर्थको के पास इस बात का जवाब नहीं है कि संकट की इस घडी में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि आखिर हैं कहां ? जनता सवाल कर रही है कि कालापीपल विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक वोटों से जीत दर्ज करने वाले सांसद इस महामारी के दौर में कहां हैं? कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में पहली बार कांग्रेस का खता खोलने वाले विधायक जिन्हे उनके समर्थक भैय्या व विधायक जी खुद अपने आपको जनता का बेटा कहने वाले नागरिको के दुःख,दर्द से दूर नजर आ रहे हैं | इस वक्त पूरा जिला टोटल लॉकडाउन है।आगे इसके खत्म होने पर संशय बरकरार है।ऐसे में ये लाडले जनप्रतिनिधि जनता से दूर क्यों हैं? क्षेत्र में भागदौड़ प्रशासन ने हीं संभाल रखी है जनप्रतिनिधियो का अपने कर्तव्यों  से मुँह मोड़कर  कर भागना आमजन को खल रहा है। विधायक महोदय तो सोशल मीडिया से अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं | लॉक डाउन के प्रथम सप्ताह में सोशल मीडिया पर हुई आलोचना के बाद विधायक जी मुँह दिखाई की रस्म अदा अब तक नदारद हैं|वहीं सांसद का चेहरा जनता के लिए गुमशुदा के सामान देखना हो गया हैं।इस महामारी की विकरालता लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन नगर में दिहाड़ी से पेट भरने वालों के बढ़ते दर्द को बांटने की फुर्सत किसी के पास नहीं है। हालांकि क्षेत्र में तीसरे सप्ताह भी  खैरियत है।कोरोना की विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन के अधिकारी तहसीलदार राजाराम करजरे, जनपद सीईओ सिद्ध गोपाल वर्मा, नगर परिषद सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग का पूरा स्टाफ, सफाई कर्मी, पुलिस विभाग अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी के राण में वीर योद्धा के जैसे अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए देशभक्ति का परिचय दे रहे है।
जनता पर आए इस संकट में जनप्रतिनिधियों की नकारात्मक भूमिका को देखकर लगता है कि इन नेताओ ने अपनी जिम्मेदारी को भूलकर अपने आपको लॉक डाउन कर लिया है !