भोपाल. कोरोना के हालात से निपटने के लिए मध्य प्रदेश में एस्मा (ESMA) लागू कर दिया गया है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chauhan) ने इसका आदेश दे दिया है. ये आदेश लागू होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति ज़रूरी चीजों की सप्लाई और सेवाएं देने से मना नहीं कर सकेगा.
मध्य प्रदेश में कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने मध्य प्रदेश में ज़रूरी सेवाओं के लिए एस्मा लागू कर दिया है. एस्मा लागू होने के बाद अब आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की सप्लाई से कोई इंकार नहीं कर सकता. अत्यावश्यक सेवाओं पर एस्मा लागू रहेगा. शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के इस फैसले की जानकारी ट्वीट करके भी दी है.शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा-नागरिकों के हित को देखते हुए कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्यप्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है. एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) जिसे ESMA या हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है.
एस्मा से पहले बैठक
एस्मा लागू करने से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने कुछ चुनिंदा अधिकारियों के साथ बैठक की और इसमें मंथन के बाद यह तय किया गया कि प्रदेश में एस्मा लगाना जरूरी है. अब कोई भी व्यक्ति आवश्यक सेवाओं के लिए इंकार नहीं कर सकेगा. जानकारी के मुताबिक जरूरत पड़ने पर सरकार निजी डॉक्टर्स की भी सेवाएं ले सकती है.
"क्या है एस्मा ?
अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून यानि एस्मा आमतौर पर किसी वक़्त हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है. ये ज़्यादा से ज़्यादा 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है. इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी काम बंद करता है या हड़ताल करता है तो इसे अवैध माना जाता है. सरकारें एस्मा लगाने का फैसला आम तौर पर इसलिए करती हैं क्योंकि हड़ताल या काम बंद होने की वजह से आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ता है. इसलिए जरूरी सेवाओं को बनाए रखने के लिए एस्मा लागू किया जाता है.
एमपी में कोरोना
मध्य प्रदेश में कोरोना के अब तक 327 मरीज़ आ चुके हैं. इनमें से 25 की मौत हो गयी है. सबसे ज़्यादा प्रभावित इंदौर है, जहां 16 लोगों की मौत हो चुकी है. भोपाल में 91 मरीज़ों की पहचान हुई जिसमें से एक की मौत हो गयी. बड़े शहरों के बाद अब छोटे इलाकों में भी कोरोना के पेशेंट मिल रहे हैं.