भोपाल। प्रदेश के 18 हजार से अधिक पटवारियों की हड़ताल से परेशान राज्य सरकार उनको मनाकर काम पर लौटाने में भले ही कामयाब हो गई है पर अभी सरकार की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। अब तहसीलदार आंदोलन की राह पर हैं और कल से तीन दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं। अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अमल नहीं किया तो प्रदेश भर के तहसीलदार 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इंदौर से ट्रांसफर किए गए चार तहसीलदारों और तहसीलदारों, नायब तहसालदारो को पदोन्नति नहीं किए जाने समेत अन्य मुद्दों को लेकर कई बार राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जा चुका है पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हासिल हुआ है, इसे देखते हुए मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (राजस्व अधिकारी) सेवा संघ ने आंदोलन का. ऐलान कर दिया है। तहसीलदारों की वेतन विसंगति 2008 से दूर नहीं की गई है। संघ के प्रांताध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि 10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
6 तहसीलदारों को नहीं मिल रहा वेतन- इंदौर से ट्रांसफर किए गए चार तहसीलदारों को रिलीव नहीं किए जाने के कारण यहां पदस्थ किए गए 6 नए तहसीलदारों का वेतन अटक गया है। ये नए तहसीलदार तीन माह से इंदौर में काम कर रहे हैं। वहीं पहले से पदस्थ तहसीलदार भी इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वेतन न मिलने से परेशान नव पदस्थ तहसीलदारों ने कलेक्टर इंदौर, राजस्व मंत्री, प्रमुख सचिव राजस्व और कमिश्नर इंदौर से इस मामले में संज्ञान लेकर वेतन दिए जाने की मांग की है। जिन तहसीलदारों ने वेतन के लिए गुहार लगाई है उनमें दिनेश सोनरतिया, मो. सिराज, राजेश सोनी, बजरंग बहादुर सिंह, सुनील जायसवाल और ब्रह्मस्वरूप श्रीवास्तव शामिल हैं।