भोपाल विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में शिवराज सरकार में नर्मदा संरक्षण के नाम पर हुई नर्मदा यात्रा में घोटाले की बात निकलकर सामने आ रही है, कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में यात्रा पर किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं मिलने पर आपत्ति जाहिर की है, रिपोर्ट में बताया गया है कि नर्मदा यात्रा पर 21 करोड़ रुपए बिना अनुमति खर्च किए गए जिसमें से 18 करोड़ के खर्च का हिसाब किताब गायब है, रिपोर्ट में ये भी बात सामने आई है कि खर्च के लिए जन अभियान परिषद ने नियमों के तहत मंजूरी भी नहीं ली थी, इस खुलासे के बाद अब कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है, वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को जांच की चुनौती दे दी है
कैग रिपोर्ट की आपत्तियां- जनअभियान परिषद ने अपने उद्देश्य से हटकर 21 करोड़ रुपए खर्च किए
प्रदेश के 40 जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को 21.67 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, इनमें से केवल नौ कलेक्टरों ने 3.79 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा बाकी 31 कलेक्टरों ने 18 करोड़ रुपए खर्च करने का अब तक हिसाब नहीं दिया,अकेले अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के एक कार्यक्रम में केवल ट्रांसपोर्टेशन पर करीब 13 करोड़ का खर्च बताया गया है, नर्मदा सेवा यात्रा बसों को ज्यादा भुगतान की बात भी सामने आई है
इन ज़िलों से होकर निकली थी नर्मदा यात्रा- तब की बीजेपी सरकार में नर्मदा यात्रा 16 जिलों से होकर निकली थी और इसमें नर्मदा संरक्षण के बड़े.बड़े दावे किए गए थे, ये यात्रा अलीराजपुर, धार, खरगोन, देवास, सीहोर, रायसेन, डिंडोरी, अनूपपुर, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, बड़वानी और खरगोन ज़िलों से होकर निकली थी, यात्रा के दौरान जनअभियान परिषद की ओर से किए गए खर्च को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं