पुलिस जांच के बाद पत्रकार पंकज की मौत का खुल सकता है राज़

शाजापुर। समाजसेवी एवं पत्रकार पंकज हिरवे की 3 अक्टूबर को हुई असामयिकमृत्यु ने नया मोड़ ले लिया है। उनके पिता ने पुलिस अधीक्षक को दिए लिखित
आवेदन में आशंका व्यक्त की है कि पंकज हिरवे ने किसी के दबाव में आकर
आत्महत्या करने का कदम उठाया है। ज्ञात रहे कि पंकज बेहोशी की हालत में
स्थानीय भैरव डूंगरी के पास झाड़ी में पाए गए थे। इसके पश्चात उन्हें
स्थानीय सिटी हाॅस्पिटल ले जाया गया जहां से उन्हें देवास संस्कार
हास्पिटल रैफर कर दिया लेकिन संस्कार हास्पिटल ने भी इन्हें इंदौर के
बाम्बे हास्पिटल रैफर कर दिया। बाम्बे हास्पिटल इंदौर में पंकज की उपचार
के दौरान 3 अक्टूबर को मृत्यु हो गई। उनका दो सिम वाला मोबाइल भी घटना
स्थल भैरव डूंगरी से गायब है। यदि इसकी छानबीन की जाए तो मृत्यु के
कारणों पर अवश्य प्रकाश पड़ सकता है।
मृतक पंकज हिरवे के पिता मोहनलाल हिरवे निवासी भावसार सेरी वार्ड क्रमांक
20 ने पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव को लिखित आवेदन सौंपकर कहा है कि
उनका पुत्र पंकज कमोडिटी एवं शेयर बाजार में कार्य करने के साथ ही
पत्रकारिता भी करते थे। वह अनादि न्यूज चैनल एवं दैनिक प्रदेश वाॅच के
ब्यूरो प्रमुख थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी मृत्यु
सल्फास खाने की वजह से हुई। लेकिन आवेदन में मोहनलाल का कहना है कि उनके
पुत्र की किसी अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर आत्म हत्या करने के लिए मजबूर
किया है। आवेदन में मोहनलाल हिरवे का कहना है कि उनका पुत्र कमोडिटी एवं
शेयर बाजार के कार्य से जुड़ा हुआ था जिसमें बड़ा लेनदेन होता था। सम्पूर्ण
कारोबार वैधानिक था। उनका सेमसंग गैलेक्सी ए.6 मोबाईल और पर्स भी गायब
है। मोबाइल में दो सिम 7999859507 तथा 7566814386 सिमें थी। इन दोनों
नम्बरों का उपयोग वह अपने कारोबार में किया करते थे। यदि सायबर सेल के
माध्यम से इन दोनों नम्बरों के वाट्सअप एवं मैसेंजर की जांच की जाए तो
मृत्यु के कारणों पर निश्चित रूप से प्रकाश डल सकता है। साथ ही लालघाटी
थाना एवं भैरव डूंगरी क्षेत्र एवं केंद्रीय विद्यालय के सीसीटीवी फूटेज
निकाले जाए तो काफी राज सामने आ सकते हैं।
घटना स्थल पर दो पानी की बोटलए गिलासए एक क्वार्टर एवं दो सल्फास की
डिब्बी पाई गई थी। आवेदन में मांग की गई है कि उनके पुत्र के कारोबार से
जुड़े सभी लोगों से पूछताछ करने के साथ ही मोबाइल का भी पता लगाकर जांच की
जाए ताकि मृत्यु के कारणों पर प्रकाश डल सके। आवेदन में मांग की गई है कि
पंकज हिरवे जिस ड्रायवर के साथ आते जाते थे उससे एवं उनके कमोडिटी एवं
शेर बाजार के साथियों तथा दोस्तों से भी पूछताछ की जानी चाहिए।
समाजसेवा एवं पत्रकारिता के कार्य में जुड़े पंकज हिरवे की किसी से कोई
दुश्मनी नहीं थी और वह आर्थिक रूप से भी सक्षम थे। निश्चित रूप से उनकी
मृत्यु संदिग्ध अवस्था में हुई है इसकी जांच की जानी अत्यंत आवश्यक है।
इस मामले में इंदौर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच के लिए लालघाटी पुलिस को
भेजा है।


ऐसी क्या परिस्थति हुई कि मौत को लगा लिया गले ?
पंकज हिरवे कमोडिटी एवं शेयर का कार्य करते थे उनका पूरा कार्य वैधानिक
था और किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ा। फिर ऐसी क्या
परिस्थिति पैदा हुई जिसकी वजह से उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।
आवेदन में उनके पिता मोहनलाल हिरवे ने सम्पूर्ण मामले में निष्पक्ष जांच
कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में ड्रायवर एवं उनके
व्यापार से जुड़े तमाम लोगों सहित मित्रों से भी पूछताछ होनी आवश्यक है।
भैरव डूंगरी पर कैसे मिला बेहोशी की हालत में पंकज
पंकज का कर्मचारी सतीश पंकज को घटना के समय बार बार फोन लगा रहा था। पंकज
ने जबान लड़खड़ाते हुए सतीश को मोबाइल पर बताया कि मैं भैरव डूंगरी पर हूं
तो सतीश तुरंत अपने भाई को लेकर भैरव डूंगरी पहुंच। उसने वहां जाकर देखा
कि पंकज की गाड़ी नीचे खेड़ी हुई है। तो उसने सुनील माहेश्वरी उर्फ टिल्लू
एवं अविनाश नायक को फोन लगाकर बताया कि पंकज भैया की गाड़ी तो यहां खड़ी है
लेकिन वह यहां दिखाई नहीं दे रहे हैं। जब सतीश और उसका भाई भेरू डूंगरी
पर उपर गए और खोजबीन की तो भी पंकज वहां नहीं मिला। पंकज को जब फोन लगाया
तो तो पंकज फोन नहीं उठा पा रहा था। इसके बाद जब वे वापस नीचे उतरकर आ गए
और इसी बीच जब पंकज ने फोन अटेंड किया तो उसने बताया कि मैं भैरव डंूगरी
से 25.30 सीढ़ी नीचे लेफ्ट में झाड़ियों में हूं। फिर वहां सतीश और उसका
भाई और छोटू वहां पहुंचे और पंकज उठाकर सिटी हास्पिटल ले गए। घटना स्थल
भैरव डूंगरी से पंकज का मोबाइल व पर्स कहां चला गया यह समझ से परे है।
इसकी जांच की जाना चाहिए। अगर पुलिस निष्पक्ष जांच करती है तो कई राज खुल
सकते हैं।


पंकज हिरवे की मृत्यु के ममाले में पुलिस ने घटना स्थल का किया सूक्ष्म निरीक्षण
 शनिवार को एफएसएल एवं पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल
का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया। इस दौरान पुलिस को दो सल्फास की
डिब्बिया एवं दो पानी की बोतले मिली थी। पुलिस इस घटना को पहली नजर में आत्महत्त्या का मामला मन कर चल रही है । पत्रकार पंकज हिरवे के पिता मोहनलाल हिरवे ने पुलिस अधीक्षक को लिखित
आवेदन देकर अपने पुत्र की मृत्यु की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।
उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए आवेदन में लिखा था कि इस मृत्यु के पीछे
किन्हीं अज्ञात लोगों का दबाव हो सकता है। यदि उनके गायब हुए मोबाइल फोन
को बरामद किया जाए और मैसेंजर तथा वाट्सअप की छानबीन की जाए तो घटना पर
काफी कुछ प्रकाश डल सकता है। इधर पुलिस टीम ने शनिवार को भैरव डूंगरी के
निकट उस स्थल का मुआयना किया। जहां पर पंकज बेहोशी की हालत में पाए गए
थे। जिला एफएसएल अधिकारी आरसी भाटी का कहना है कि घटना स्थल के निरीक्षण
के दौरान दो सल्फास की डिब्बिया मिली जिसमें एक भरी तथा दूसरी खाली थी।
वहीं दो पानी की बोतले भी मिली। पुलिस के अनुसार यह मामला प्रथम दृष्टया
पायजन सम्बंधी लग रहा है। अभी तक पुलिस कोई स्पष्ट नतीजे पर नहीं पहुंची
है।