ग्वालियर रियासतें भले ही खत्म हो गयी हों लेकिन रियासतकालीन परम्पराओं का निर्वाह ग्वालियर में आज भी जारी है, जिसका उदाहरण है सिंधिया परिवार, दशहरा पर्व के अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शाही पोशाक में शमी पूजन किया साथ ही अपने महल में शाही अंदाज में दरबार भी लगाया इसके बाद सिंधिया ने कहा कि मेरे देश और राज्य में सुख शांति हो, पिछले डेढ़ महीने से मेरे राज्य में किसान भाई बाढ़ से प्रभावित रहे हैं, आने वाले समय में उनके जीवन में खुशहाली आए यही कामना है साथ ही वसुधैव कुटुम्बकम की तरह मेरे देश में अमन चैन कायम रहे
माता के दरबार में पहुंचे सिंधिया
ग्वालियर के मांढरे की माता मंदिर जहां राजशाही पोशाक में ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे, सिंधिया घराने की 8वीं पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे ज्योतिरादित्य परंपरागत वेश.भूषा में शमी पूजन स्थल मांढरे की माता पर पहुंचते हैं, लोगों से मिलने के बाद शमी वृक्ष की पूजा की जाती है इसके बाद म्यांन से तलवार निकालकर जैसे ही शमी वृक्ष को लगाते हैं वहां काफी तादाद में मौजूद लोग पत्तियां लूटने के लिए टूट पड़ते हैं, लोग पत्तियों को सोने के प्रतीक के रूप में ले जाते हैं